
सब दुनिया की धुआं उड़ाते
हसते -हसते,गाते-गाते
आशाओं की कश्ती लेकर
मस्ती के पथ बढ़ते जाते
धूम-धड़ाके,सैर-सपाटे
पुष्प बने मग के सब कांटे
हम हैं,हम हैं,हम ही हैं
दुनिया में बाकी सब गम है
यही सोचकर,यही समझ कर
इसीलिए इस पथ पर बढ़ कर
अपनी जय जय करते जाते
मस्ती के पथ बढ़ते जाते
नहीं चाह अच्छे भविष्य की
नहीं भूत से कोई शिकवा
हम केवल इस पल में जीते
इस पल में है अपना रुतवा
मस्त रहेंगे,मस्त करेंगे
सबमे मस्ती रंग भरेंगे
ऊपर-निचे,बाहर-भीतर
अपने तो बस जाम लड़ेंगे
यही गीत है,यही रीत है
यही सोचकर हम इतराते
दुनिया में सबसे खुश रहकर
मस्ती के पथ बढ़ते जाते
-राहुल पंडित
हमेशा मस्त रहना चाहिये...........बढ़िया कविता है"
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