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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Friday, December 7, 2012

उत्तर प्रदेश को कश्मीर न बनाइये


आपसे निवेदन है माननीय मुलायम जी
उत्तर प्रदेश को कश्मीर न बनाइये
जेपी और लोहिया के सपनो को चूर कर
बिघटन की इसको नजीर ना बनाइये
मुल्ला मुलायम कहलाने की चाहत में
एकता अखंडता की डोर मत तोडिये
हिन्दू और मोमिनो की साझी विरासत ये
वोटों की खातिर ना इसको मरोडीए
अशफाक हमीदों सी अगणित शहादत को
कुर्सी की खातिर ना आग में जलाइए
आतंकियों के मसीहा मुलायम जी
पीड़ितों की चोट पर ना मिर्ची लगाइए
जलते बनारस के मंदिर को याद कर
बिस्फोट की वो तारिख ना भुलाइये
पीड़ितों के साथ अन्याय मत कीजिये
आतंकियों को ना जेल से छुड़ाइए
सत्ता क्षणिक है पर सोचे निरंतर
अलगाववादी विचार ना बढाइये
हिन्दू और मोमिनो ने मिल कर जिताया था
याद कर,हिन्दुओं को न्याय तो दिलाइये
बीते व्यतीतों को याद कर,सीख ले
आते भविष्य को अभी से सवारिये
पक्षपात छोड़,पक्षपातियों को छोड़कर
यूपी की बदहाल सूरत निखारिये. 

Friday, November 23, 2012

सपा सरकार को हाईकोर्ट का तमाचा.


       

        उत्तर  प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को इलाहबाद हाईकोर्ट का तमाचा.
२००६ में वाराणसी में हुए ब्लास्ट (जिसमे ३२ निर्दोष मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे) के आतंकवादियों को छोड़ने की याचिका पर कोर्ट ने कहा-

१. आज आप आतंकियों को छोड़ने की बात कर रहे हैं तो क्या कल उन्हें पद्म विभूषण देंगे?

२.कौन आतंकी है और कौन नहीं,इसका फैसला कोर्ट करेगी न की सरकार.

३. आखिर जो ६ सालों तक आतंकवादी थे,आपकी सरकार आते है निर्दोष कैसे हो गए?

४.क्या आतंकियों की रिहाई से दुसरे आतंकियों और अपराधियों का  दूसरी वारदात को अंजाम देने के लिए हौसला नहीं बढेगा?

देखते हैं हमारे देश की शर्मनिरपेक्ष राजनीती,निर्दोषों की लाशों को भुलाकर वोटबैंक की राजनीती कब तक करती है?

अखिलेश अली पुत्र मुलायम अली से हिन्दू और  उम्मीद ही क्या कर सकतें हैं ! शुक्र है यह टिप्पणी इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने की है जिस पर इनका बस नहीं चलता ! वरना बाप-बेटे हाइकोर्ट का भी मूह भीच देते !

Wednesday, November 21, 2012

कसाब कों लटकाए जाने पर विभिन्न व्यक्तियों की प्रतिक्रिया!



सोनिया गाँधी- सुबुक......सुबु क.
(बेचारी का रोते रोते बुरा हाल है...कुछ बोल
नहीं पा रही है.)

अफजल- चु..ये कों कहा था मैंने,
ज्यादा बिरयानी, अखबार,
टीवी आदि की डिमांड कर के हाईलाइट मत
हो...मुझे देखो, मैं भी तो बरसो से चुपचाप
रोटिया तोड़ रहा हूँ...किसी का ध्यान
ही नहीं जाता है.

शिवसेना- ठाकरे साहब ने ऊपर भगवान कों कह
कर कसाब की मौत पर मुहर लगवा दी..यह
होता है Tiger.......... .!

खुर्शीद- हमे बड़ा अफ़सोस है...(अपने चमचे से-
इसकी बिरयानी का टेंडर भी हमारे पास
ही था ना..अब यह कमाई भी गयी हाथ से..:

ओवेसी- कसाब जैसे जाबांज कम ही पैदा होते
है...उनकी लाश कों हैदराबाद लाया जाये..हम
भाग्यलक्ष्मी मंदिर तोड़ कर उसकी जगह
उनकी मजार बनायेंगे..(इतना कह कर
उन्होंने पकिस्तान का झंडा लहरा दिया)

कपिल सिब्बल :- कसाब , भारतीय
नहीं था इसलिए उसके जाने से देश में
सेक्युलरों कि कुल संख्या पर कोई फर्क
नहीं पड़ा ... its zero loss

जयललिता :- खबरदार जो किसी ने कसाब
कि लाश को समंदर में फेंका .... हम
नहीं चाहते कि नीलम का कहर दुबारा हम पर टूटे

मायावती :- अगर देश कि दलित जनता एकजुट
नहीं होती तो कसाब
को इतनी जल्दी फांसी नहीं होती

दिग्विजय सिंह :- शहीद-ए-पाकिस्तान "कसाब
जी" एक युवा क्रन्तिकारी थे ......
उनकी क्रांति को हम आगे लेकर बढ़ें

केजरीवाल- असल में कसाब की मौत डेंगू से हुई है
और सरकार फांसी का नाम लगाकर
झूठी वाह-वाही बटोरना चाह रही है...इस बात पर
खुलासा २६ नवम्बर कों किया जायेगा

जावेद अख्तर- यह क्या जुल्म हो रहा है खुदा के
बन्दों पर...पहले इजराइल और अब
इंडिया भी!! (फिर उन्होंने थूकते हुए कोई शेर
बोला जो हमारी समझ में नहीं आया..)

शबाना आजमी- किसी मासूम कों यू
लटकाया जाना सरासर गलत है..हम मानवाधिकार
वाले इसके खिलाफ प्रदर्शन
करेंगे..(चलो इसी बहाने इन्हें कोई काम
तो मिला..)

जल्लाद-प्रभु, तुने मेरे पेशे कि लाज रख
ली....कब से मुफ्त की रोटियां तोड़
रहा था...आज जाकर कुछ मेहनत से
कमाया है..

KFC ने बिरयानी कों लेकर एक नयी फ़ूड चेन शुरू
की और कसाब के लिए बिरयानी बनाने
वाले कों उसका मुख्य
बावर्ची बनाया गया है..

नितीश कुमार- हम इस दुःख की वेला में कसाब के
परिवार वालों से मिलने फिर से पाकिस्तान
जायेंगे..

TIMES OF INDIA-सरकार के इस कदम से
हमारे सदभावना मिशन "अमन की आशा"
कों गहरा आघात पहुंचा है...

महेश भट्ट- (संपर्क नहीं हो पाया..शायद
पाकिस्तान गए है)
हमने लालू, ममता, आदि बाकी के
लोगो की भी प्रतिक्रियाएं जाने
की कोशिश की पर संपर्क
नहीं हो पाया....उनसे संपर्क होते
ही आपको उनकी प्रतिक्रियाओं से अवगत
कराया जाएगा...

Sunday, November 18, 2012

इंडो-पाक क्रिकेट सीरिज आतंकवाद को समर्थन


हम पाकिस्तान से क्रिकेट सम्बन्ध बहाल करने जा रहे हैं.
मित्रों भारत-पाकिस्तान मैच देखने से पहले ये पूरा विडिओ(थोडा लम्बा है पर जरूर) देखना.ये एक मुहीम है इंडो-पाक क्रिकेट सीरिज के बाईकाट  का.शेयर करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएं,जिससे हमारी आवाज़ ,हमारी गूंगी,बहरी और अंधी सरकार तक पहुचे और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हजारों लोगों को न्याय मिल सके,






Thursday, November 8, 2012

कान और नाक कटने के बावजूद नहीं हारा यह देशभक्त




भारत-पाक के बीच हुए कारगिल युद्ध में सैकड़ों भारतीय जवानों ने शहीद होकर वीरता की इबारत लिखी थी। इनमें से कई देशभक्तों ने देश की वि़जय में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

ऐसे जवानों में से ही एक जवान भीखाराम मूंढ भी थे। भीखाराम मूंढ राजस्थान के बाड़मेर जिले के रहने वाले थे। इनका जन्म बाड़मेर की परपदरा तहसील के पातासर गांव में 16 जनवरी 1977 को को हुआ था।

सन् 1994 में भीखाराम की शादी भंवरी देवी के साथ हुई। 26 अप्रैल 1995 को भीखाराम का चयन भारतीय सेना में 4 जाट रेजिमेंट में बतौर सिपाही किया गया। भीखाराम मूंढ को युद्ध के समय जम्मू कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। उस समय युद्ध अपने चरम पर चल रहा था। भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के सैनिक कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे और दोनों देशों की तरफ से कूटनीतिक चालें भी चली जा रहीं थीं।

युद्ध के समय मई 1999 में लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया अपने साथियों के साथ सीमा पर गश्त लगा रहे थे। लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया के समूह में भीखाराम मूंढ भी शामिल थे। उसी समय पाकिस्तान के घुसपैठियों ने उनके गश्ती समूह पर हमला कर दिया। भारतीय सैनिकों ने पाक हमले का जमकर मुकाबला किया लेकिन 14 मई 1999 को 6 भारतीय सैनिकों को पाकिस्तान के गुप्तचर विभाग ने पकड़ लिया। इन सैनिकों पर भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी करने का आरोप लगाया गया। इन सैनिकों में भीखाराम मूंढ भी थे।

पाकिस्तानी सेना द्वारा इन सैनिकों के साथ बड़ा ही अमानवीय तथा बर्बरतापूर्वक व्यवहार किया गया। पाक सैनिकों ने नृशंसतापूर्वक इनके आँख, कान और नाक काट लिए। इसके बाद उन्होंने इस सभी को एक सप्ताह तक कठोर एवं पाशविक यातनाएं दी। इन सबके बावजूद जब वे कुछ भी हासिल कर पाने में नाकाम रहे तो उन्होंने सभी की हत्या कर दी।

भीखाराम मूंढ भी इस हादसे के भुक्तभोगी थे। जब इस घटना के बारे में भारत सरकार और अन्य देशों को पता चला तो अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान को इन सैनिकों के शव भारत को सौंपने पड़े। 9 जून सन् 1990 को इन सैनिकों के क्षत-विक्षत शव भारत को प्राप्त हुए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाक के इस कृत्य की कड़ी भर्त्सना और निंदा की गयी थी।

Wednesday, October 10, 2012

एक बार हम फिर शर्मशार:भारत में भारत विरोधी आतंकवादियों का सम्मान


             
 एकबार फिर से हम शर्मिंदा होने पर बेबश हुए.जिसतरह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने जनरल अरुण बैद्य के हत्यारों आतंकवादी हरजिंदर सिंह जिंदा और सुखदेव सिंह  को शहीद का दर्जा देकर उसके परिवारों  को सम्मानित किया, मै स्तब्ध हूँ.आखिर हम जा कहाँ रहे हैं.सत्तारूढ़ अकाली दल (बादल)की तरफ से आया वक्तब्य और निराशाजनक है. जनरल वैद्य 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के इंचार्ज थे और सेना से रिटायर होने के बाद पुणे में रहते थे।
एसजीपीसी ने मंगलवार को हरमंदिर साहिब परिसर में जिंदा और सुक्खा की याद में अखंड पाठ 'भोग' का आयोजन किया। जिंदा के भाई भूपिंदर सिंह और सुक्खा के रिश्तेदार सुरजीत कौर को 'सिरोपा' सौंपा गया। इस मौके पर एसजीपीसी के सचिव दलमेश कौर भी मौजूद थेक्या देश के लिए ईमानदारी से काम करने वाले हमारे सैनिकों के हत्यारों का सम्मानित करना भारत माता को अपमानित करने जैसा नहीं है.राष्ट्रवाद कु दुहाई देने वाली भारतीय जनता पार्टी कहा हैं?क्या केवल सत्ता सुख भोगने के लिए ही राष्ट्रवाद का नारा दिया जाता है?कल कश्मीर में अफज़ल गुरु को सम्मानित किया जाये तो इसमें हैरानी क्या?मुझे नहीं लगता की यह डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बीजेपी है जिन्होंने देश के अखंडता के लिए खुद को बलिदान किया.क्या बीजेपी को अकाली दल पर दबाब नहीं डालना चाहिए?अगर अकाली दल इस मुद्दे पर साथ चलने को तैयार नहीं है तो बीजेपी को गठबंधन सरकार से अलग होने में शंशय नहीं रखना चाहिए.आखिर बीजेपी  अपने राष्ट्रवाद के लिए ही जनि जाती है.क्या इस घटना के बाद आपको दर नहीं लगता की पंजाब में फिर से आतंक बढ़ सकता है?क्या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी राष्ट्रद्रोह का काम नहीं कर रही है?इनमे और लश्कर ई तोएबा में अंतर कैसा?आखिर दोनों का  काम ही भारत की अखंडता को को खंडित करना और भारत माता की आत्मा को चोट पहुचना है.आज सभी दलों को एक होकर इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की शख्त जरुरत  है.ताकि भारत की अखंडता कायम रह सके और पंजाब दुबारा से आतंकवाद की आग में न जल सके.
और आखिरी में एक चेतावनी-

कोई अब ऐसा न सोचे ये भूमि बाट ली जाएगी
जो खालिस्तान पुकारेगा,वो जीभ काट ली जाएगी

Saturday, September 8, 2012

ज़रा सोचिये!कहाँ जा रहे हैं हम?


भारत की धरती पर पहले भी चू ..ये थे, आज भी चू ..ये है, और कल भी चू..ये होंगे ...

मै ये जो लिंक निचे दे रहा हूँ और साथ में जो फोटो है वो पोस्ट एक फेक आईडी वाली सोहिनी मेहता जी ने फेसबुक पर 3 सप्टेम्बर को डाली है, इस पोस्ट में उन्होंने सिर्फ इतना ही पूछा है की मै कैसी दिखती हूँ दोस्तों, हमे ये देखकर बड़ी ख़ुशी हुई की सिर्फ पाँच दिन में इस पोस्ट पर 94394 कमेंट्स किये गये., 78104 लोगों ने इस पोस्ट को like किया और 3312 लोगों ने इसे शेयर किया.

हम लोग देश की समस्याओं, गरीबी, भ्रस्टाचार आदी पर जब पोस्ट बनाकर डालते है तो 100 - 120 लोगोने like किया 8 -10 लोगों ने कमेंट्स किये और 2 -3 लोगों ने शेयर किया तो अपने आप में खुश होते है की इन समस्याओं के प्रति लोगों को चिंता है.

पर सोहिनी मेहता की पोस्ट पर मिले भारी प्रतिसाद को देखकर ऐसा लग रहा है की, हम गलत विषय पर फेसबुक में चर्चा करना चाहते है या वाकई हमारा देश अब बहुत खुशहाल है या जनता को इन विषय के प्रति कोई लेनादेना नही है. हम जैसे लोग मुर्ख है जो लोगों में जागरूकता आये और इन विषय पर स्वस्थ बहस हो ऐसा चाहते है और व्यर्थ अपना मूल्यवान समय बर्बाद कर रहे है.

क्या आप भी मेरे इस मत से सहमत है, बताइये ?

http://www.facebook.com/photo.php?fbid=339927429434891&set=p.339927429434891&type=1&theater

Saturday, July 28, 2012

नरेन्द्र मोदी से क्यों घबराये पाक्षि -विपक्षी ?

प्रधान मंत्री पद की इस दौड़ में गुजरात के वर्तमान मुख्य मंत्री का नाम प्रमुख रूप से उभर कर आ रहा है.कारण है, उनका गुजरात प्रदेश में अपने कामकाज,और कार्य शैली के कारण देश भर में उनकी बढती लोकप्रियता. उनके कार्यकाल में गुजरात प्रदेश को देश के सर्वाधिक उन्नत प्रदेशों में गिना जाना. इसी लोकप्रियता के कारण वे भा.ज.पा.के प्रणेता बन गए हैं.परन्तु पार्टी के अन्य महत्वकांक्षी नेताओं को उनका नाम रास नहीं आ रहा,क्योंकि वे स्वयं अपने नाम को प्रधान मंत्री के दावेदारों में शामिल करना चाहते हैं.इसलिय ये नेता नरन्द्र मोदी की उभरती छवि से परेशान हैं,हैरान हैं.और विरोधी पार्टियों के साथ उनको साम्प्रदायिक बता कर अपने लक्ष्य को साधना चाहते हैं.अब कुछ नेताओं ने उन्हें हठी,निरंकुश नेता बता कर प्रधानमंत्री पद के अयोग्य बताने का प्रयास कर रहे हैं.इस प्रकार नेताओं की आपसी लड़ाई ने महत्वपूर्ण मोड ले लिया है जो जनता के समक्ष अनेक ज्वलंत प्रश्न खड़े कर रहा है ;

१,क्या नरेन्द्र मोदी को साम्प्रदायिक नेता कहाँ उचित है?

२. क्या नरेन्द्र मोदी को विकास पुरुष के साथ साथ तानाशाह भी कहना चाहिए?

३,जिस प्रकार से मोदी जी ने अपने कार्यकाल में गुजरात को देश के अग्रणी राज्यों में ला खड़ा किया,क्या किसी साम्प्रदायिक नेता के लिए संभव था?

४,क्या मोदी जी में तथाकथित सहन शक्ति का अभाव उन्हें प्रधान मंत्री के अयोग्य ठहराता है?क्या देश को मनमोहन सिंह जैसा चुपचाप बैठे रहने वाला,असीमित धैर्य और सहन शक्ति वाला प्रधान मंत्री चाहिए.जो देश को रसातल में जाता देखता रहे और कुछ न बोले?

५,क्या मोदी के गुजरात में मुस्लमान भयभीत जीवन जी रहे हैं,क्या उन्हें वहाँ पर नागरिक अधिकारों से वंचित किया जा चुका है ?क्या वे इस राज्य में उन्नति नहीं कर रहे हैं?क्या राज्य की उन्नति का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा?

६, क्या गुजरात में २००२ में मोदी के शासन में हुए दंगों के कारण उनको सांप्रदायिक करार देना उचित होगा? क्या गोधरा कांड की स्वाभाविक जन प्रतिक्रिया, गुजरात दंगों का कारण नहीं थी?

७,काग्रेस के शासन काल में १९८४ के सिक्ख विरोधी दंगो का जिम्मेदार कौन था? इस प्रकार से क्या कांग्रेस साम्प्रदायिक पार्टी नहीं मानी जानी चाहिए?

८,१९९१ में जब बाबरी ढांचा गिराया गया तब केंद्र में किसकी सरकार थी? क्या तत्कालीन कांग्रेस सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं थी,फिर वह साम्प्रदायिक पार्टी क्यों नहीं?

९.आजादी के पैसंठ वर्षों में अधिक तर देश के शासन की बागडोर कांग्रेस के हाथों में रही फिर क्यों रह रह कर देश में अनेक शहर साम्प्रदायिकता की आग में झुलसते रहे?

१०.क्या इस देश में हिंदू हित की बात करना साम्प्रदायिकता है और मुस्लिम तुष्टिकरण की बात करना धर्मनिरपेक्षता है?

उपरोक्त सभी साक्ष्यों से स्पष्ट है की हमारे देश में यदि किसी की छवि धूमिल करनी हो तो उसे साम्प्रदायिक करार दे दो.इसी षड्यंत्र के अंतर्गत मोदी साहेब के विरुद्ध माहौल तैयार किया जा रहा है.यदि उनके इरादे सफल होते है,तो देश का दुर्भाग्य होगा जो उसे एक योग्य, कर्मठ, ईमानदार, विकासशील, प्रधान मंत्री से वंचित कर देगा.

Friday, June 22, 2012

क्या हिन्दुस्तान में हिन्दू होना गुनाह है?

मित्रों,आज सेकुलरवाद की हवा चली है.ज्यादातर स्वार्थी हिन्दू नेता अपनी  चमड़ी खुरच खुरच कर खुद को सेकुलर वाद के नए चोले से ढकने में लगे हैं.आपको क्या लगता है नितीश कुमार,मुलायम,लालू,पासवान,कांग्रेसी सारे हिन्दुओं के अधिकारों को रौदते हुए,मुस्लिम परस्त नहीं हो रहे हैं?नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकते,क्योंकि वो हिन्दुओं के बारे में भी सोचते हैं,अराजक तत्वों से शख्ती से निपटते हैं.इसमें कुछ हद तक हमारी भी गलती है वर्ना जिस देश में 84% हिन्दू रहते हैं उस देश में कोई कैसे कह सकता की हिंदूवादी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता.
आखिर धर्मनिरपेक्षता क्या है.हिन्दुओं के विरुद्ध बोलना धर्मनिरपेक्षता है या मुसलमानों की तरफ से बोलना धर्मनिरपेक्षता है?
मै मुसलमानों का विरोधी नहीं हूँ और हिन्दुवाद से पहले मेरे लिए राष्ट्रवाद है लेकिन उन तमाम शर्मनिरपेक्ष नेताओं से पूछना चाहता हूँ -
-अगर आप गुजरात की बात करते हैं तो गोधरा क्यों भूल जाते हैं?अगर गोधरा नहीं होता तो गुजरात कभी भी नहीं होता.
-जब कश्मीर से १० लाख हिंदूं विस्थापित होकर अपने ही देश में शरणार्थी बन गए तो इन शर्मनिरपेक्ष नेताओं को क्या साप सूंघ गया था.इनकी हलक से तब भी आवाज़ नहीं निकली और आज भी नहीं निकलती है.
-जब १९८४ में हजारों शिक्ख मारे गए तो क्या ये शर्मनिरपेक्ष नेता सो रहे थे.आज तक सारे दोषी मजे से घूम रहे हैं,इनको सजा दिलवाने के लिए अपने शर्मनिरपेक्ष छवि का इस्तमाल क्यों नहीं करते?
-अगर एक दंगे की वजह से नरेन्द्र मोदी सांप्रदायिक हैं तो क्या कोसीकला के दंगे के बाद अखिलेश यादव,राजस्थान में दंगे के बाद अशोक गहलोत, ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्या के बाद भड़के दंगे के बाद नितीश कुमार,१९८४ के दंगे के बाद कांग्रेस,कारसेवकों पर सरेआम गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह जैसे नेता क्या हैं?
-क्या हज यात्रा पर सब्सिडी और अमरनाथ यात्रा पर टैक्स धर्मनिरपेक्षता है?
-क्या बतला हाउस में मारे गए आतंकवादियों के लिए सोनिया गाँधी का रोना,कसाब,अफ़ज़ल  गुरु जैसे आतंकवादियों को दामाद की तरह पालना वोट की राजनीती नहीं धर्मनिरपेक्षता है?
-भारत माता को डायन कहने वाला समाजवादी पार्टी का नेता आज़म खान देशद्रोही नहीं सेकुलर देशभक्त है?
-संबिधान की मर्यादाओं को तोड़ते हुए मुसलमानों के लिए ४.५% आरक्षण की ब्यवस्था करने वाले(जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध बताया) वोट बैंक की राजनीती करने वाले नहीं सेकुलर हैं?

ऐसे तमाम सवाल मेरे दिल में उठते हैं और मै इनका जवाब धुधने की कोशिश भी करता हूँ, एक ही उत्तर दिल से निकलता है-
क्या हिन्दुस्तान में हिन्दू होना गुनाह है?
 

Friday, June 8, 2012

सोनिया जी को सांत्वना दें : राष्ट्र धर्म निभाएं.

 


जैसा की हमारे कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था
बाटला हॉउस एनकाउण्टर के बाद सोनिया गाँधी फूट फूट कर रोई थी | 
तब आज सोनिया गाँधी की क्या हालात होगी ?

इंडियन मुजाहिद्दीन का शातिर आतंकवादी मोहम्‍मद जफर सिद्दीकी

 जिसका जर्मन बेस्‍ट बेकरी पूणे बम ब्‍लास्‍ट व बंग्‍लोर में भी ब्‍लास्‍ट के आरोप थे, 
इस खूंखार जेहादी आतंकवादी सिद्दीकी को दिल्‍ली पुलिस ने नवंबर 2011 में गिरफ्तार किया था।

उसका आज पुणे के यरवदा जेल मे मर्डर हो गया . 

और तुरंत ही इसकी सीबीआई जाँच के आदेश दे दिये गए |

फिर तो आज कई लोगो ने सोनिया गाँधी को पकड़ कर रखा होगा कहीं वो छाती पिटते हुए

 विलाप करते हुए सड़क पर पागलो की तरह न दौड़ने लगे !!
आखिर ऐसा हो भी क्यों न, सोनिया जी ही तो राजमाता हैं.हमारा कर्त्तव्य है की इस कठिन घडी में 
सोनिया जी को सांत्वना दें और ईश्वर से प्रार्थना करें की ईश्वर उन्हें इस महा दुखद  
दुर्घटना को सहने की शक्ति प्रदान करें.

Thursday, May 17, 2012

भारतीय होने पर गर्व कीजिये

हमारे देश की भोली भली जनता समाचार माध्यमो में आज-कल संसद के 60 साल पुरे होने के उपलक्ष्य में कुछ समाचार देख-सुन रहे होगे | लेकिन बहुत कम लोगो को पता होगा की हमारी संसद के दो सदन जहा पर बैठते है वह संसद-भवन का निर्माण जिन अंग्रेज ने किया है  उसने मोरेना के मितावली में स्थित प्राचीन चोसठ-जोगिनी मंदिर से संपूर्ण प्रेरणा ली है ( मानो की COPY कर ली है ) |

यहाँ दिए फोटो और विडियो देखिये.............. भारतीय होने पर गर्व कीजिये ............................





Thursday, February 2, 2012

विशेष सूचना

दिग्विजय सिंह


दिग्विजिय सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए ज़ी टीवी जल्द ही उन्हें लेकर एक सीरियल शुरू करने वाला है…अगले जन्म मुझे घटिया ही कीजो!
दिग्विजय सिंह के लिए बड़ा झटका…पता लगा है कि कांग्रेस के झंडे में जो हाथ है…वो भी आरएसएस का है!
अफसोस…ओसामा अपनी वसीयत 2001 में लिख गए। अगर 2011 में लिखी होती तो ऐबटाबाद की हवेली दिग्विजय सिंह के नाम कर देते!
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मैंने ओसामा जी नहीं, ओसामा जीजा जी कहा था!
दिग्विजय सिंह का कहना है कि जब मुझ जैसा आदमी ज़िंदा घूम रहा है तो अफज़ल गुरू को फांसी क्यों दी जाए?
दिग्विजय सिंह भारत के सबसे भरोसेमंद नेता हैं… क्योंकि वो ISI मार्का हैं!
सवाल-जब अक्ल बंट रही थी तब तुम कहां थे? दिग्विजय-मैं उस समय राहुल बाबा को ढूंढने गया हुआ था…पता नहीं वो लाइन तोड़कर कहां चले गए थे?
दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद कि वो अपने पाप धोने हरिद्वार जाएंगे, प्रधानमंत्री ने ‘गंगा सफाई अभियान’ के लिए दस हज़ार करोड़ की अतिरिक्त राशि मुहैया करवा दी है!

शरद पवार


साल 2511…दो लड़के पार्क में बैठे बातें कर रहे हैं…पहला- तुम रोज़ी-रोटी के लिए क्या करते हो…दूसरा-सुबह अख़बार बांटता हूं, फिर दस घंटे नौकरी करता हूं, शाम को ट्यूशन पढ़ाता हूं, रात में चौकीदारी करता हूं…मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ, तुम्हें मैंने कभी कुछ करते नहीं देखा…पहला-यार, क्या बताऊं, आज से दो सौ पीढ़ी पहले हमारे यहां एक शरद पवार हुए थे…वो इतना कमा गए कि हमें आज तक कुछ करने की ज़रूरत नहीं पड़ी!
फोर्ब्स मैगज़ीन ने अपने ताज़ा अंक में उन ख़रबपतियों की सूची जारी की है जिन्हें शरद पवार ने उधार दे रखा है!
शरद पवार ने हाथ दे कर रिक्शे वाले को रोका और पूछा…बस स्टैंड चलना है…कितने पैसे दोगे?
शरद पवार और सुरेश कलमाडी से विशाल भारद्वाज इतने इम्प्रेस हैं कि उन्हें लेकर एक बार फिर से ‘कमीने’ फिल्म बनाना चाहते हैं!
शरद पवार के करनामों से प्रभावित हो भारतीय डाक विभाग जल्द ही उन पर एक ‘डाकू टिकट’ जारी करने जा रहा है।
SWISS GOVERNMENT को शक़ है कि SWISS BANK ने शरद पवार के पास SAVING ACCOUNT खुलवा रखा है!

मनमोहन सिंह


विज्ञान ही नहीं, अर्थशास्त्र में भी झोलाछाप डॉक्टर होते हैं…जैसे डॉक्टर मनमोहन सिंह!
मैं इसलिए कुछ नहीं बोलता क्योंकि मैडम ने एक दफा समझाया था…बातें कम, स्कैम ज़्यादा!
दबंग के बाद अभिनव कश्यप जल्द ही मनमोहन सिंह को लेकर इसका सीक्वल बनाने जा रहे हैं…इस बार फिल्म का नाम है-’अपंग‘!
ओसामा की मौत का स्वागत करते हुए मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से सोनिया गांधी के कुशल नेतृत्व की तारीफ की है!
मनमोहन सिंह को देखकर यकीन करना मुश्किल है कि उन्हें भगवान ने बनाया या फिर मैडम तुसाद ने!
मनमोहन सिंह का कहना है कि वो अश्लीलता के बिल्कुल खिलाफ हैं इसलिए अपने जीते-जी किसी को EXPOSE नहीं होने देंगे!

नारायण दत्त तिवारी
.

ओसामा की पहचान के लिए अमेरिका जल्द ही उसका डीएनए टेस्ट करवाएगा, मुझे शक़ है कि कहीं वो नारायण दत्त तिवारी का बेटा न निकले।
शरद पवार अपनी सारी सम्पत्ति और एनडी तिवारी अपने सारे बच्चे डिक्लेयर कर दें तो इसमें कई देशों की सारी दौलत और पूरी आबादी समा सकती है!


सुरेश कलमाडी


कलमाडी जैसे ही बापू की मूर्ति पर फूल चढ़ाने झुके…लाठी से धकेलते हुए आवाज़ आई…दूर हटो बेटा…वरना अहिंसा की कसम टूट जाएगी!
लोगों ने भी हद कर दी है…कलमाडी सुबह पार्क में RUNNING कर रहे थे…पीछे से किसी ने आवाज दी…कब तक भागोगे!
कलमाडी घर पहुंचे तो काफी भीग चुके थे…बीवी ने चौंक कर पूछा…इतना भीगकर कहां से आ रहे हैं…क्या बाहर बारिश हो रही है…कलमाड़ी-नहीं….तो फिर…कलमाडी-क्या बताऊं…जहां से भी गुज़र रहा हूं…लोग थू-थू कर रहे हैं!
“सुरेश कलमाडी एक ईमानदार, कुशल, मेहनती और देशभक्त आदमी हैं। उन जैसा सच्चा आदमी आज तक इस देश ने नहीं देखा…पूरे देश को उन पर नाज़ है” ऐसे ही फनी और मज़ेदार चुटकुलों के लिए SMS करें…5467 पर!
If ‘K’ stands for Kalmadi…तो आप उसे KBC भी कह सकते हैं…अब ये मत पूछना कि BC क्या होता है!


राहुल गांधी


“तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी। महंगाई बढ़ने से आम आदमी का तेल निकलेगा और जब आम आदमी तेल देने लगेगा तो महंगाई खुद-ब-खुद कम हो जाएगी”-राहुल गांधी
इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी में बहुत प्रतिभा छिपी हुई है मगर देश की भलाई इसी में है कि वो इसे छिपाकर ही रखें!
हाल के सालों में जिस तेज़ी से पेट्रोल की कीमतें बढ़ी हैं अगर उसी अनुपात में राहुल गांधी का IQ भी बढ़ता तो वो नासा में वैज्ञानिक होते!
ये पूछे जाने पर कि अब तक वो अन्ना हज़ारे का हाल जानने जंतर-मंतर क्यों नहीं गए…राहुल गांधी का कहना था कि मुझे लगा ‘अन्ना’ कोई साउथ इंडियन शख्स है, जो रजनीकांत को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठा है!
सुरक्षा एजेंसियों और राहुल गांधी के साथ एक ही समस्या है…

Wednesday, January 25, 2012

"यह कैसा गणतंत्र ?


"यह कैसा गणतंत्र ?
जहां प्रधानमंत्री को हमने कभी चुना ही नहीं पर वह गुजरे आठ साल से हमारे
ऊपर अमेरिका ने लाद रखा है. जहां राष्ट्रपति बख्शीस में बना दिया गया हो
क्यों कि वह इन्द्रागांधी की रसोईया थीं. जहां भारत रत्न जैसे राष्ट्रीय
पुरुष्कार बैंक घोटालेबाज चटवाल और कश्मीर के आतंकवादीयों को दिए जा रहे
हों. जहां नोट के बदले वोट पा कर मनमोहन सरकार पूरे पांच साल चल चुकी हो तब
उसके विरुद्ध आवाज़ उठानेवाले जेल डाले गए
हों किन्तु सरकार चलानेवाला सरदार अभी भी हमारे ऊपर बैताल सा लदा
प्रधानमंत्री हो.यह जन -गन -मन का तंत्र नहीं है कि जहां जन - गण -मन
लोकनायक की तलाश में अधिनायक (तानाशाह ) की जय करता हुआ खलनायक तक जा
पहुंचा हो. वोट असली गणतंत्र के सृजन का एक कारगर औजार है. आओ असली गणतंत्र
का सृजन करें !!
शुभ कामना !!"
-राहुल पंडित

Monday, January 9, 2012

काश्मीर


काश्मीर जो खुद सूरज के बेटे की रजधानी था
डमरू वाले शिव शंकर की जो घाटी कल्याणी था
काश्मीर जो इस धरती का स्वर्ग बताया जाता था
जिस मिट्टी को दुनिया भर में अर्ध्य चढ़ाया जाता था
काश्मीर जो भारतमाता की आँखों का तारा था
काश्मीर जो लालबहादुर को प्राणों से प्यारा था
काश्मीर वो डूब गया है अंधी-गहरी खाई में
फूलों की खुशबू रोती है मरघट की तन्हाई में

ये अग्नीगंधा मौसम की बेला है
गंधों के घर बंदूकों का मेला है
मैं भारत की जनता का संबोधन हूँ
आँसू के अधिकारों का उदबोधन हूँ
मैं अभिधा की परम्परा का चारण हूँ
आजादी की पीड़ा का उच्चारण हूँ

इसीलिए दरबारों को दर्पण दिखलाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ ||

बस नारों में गाते रहियेगा कश्मीर हमारा है
छू कर तो देखो हिम छोटी के नीचे अंगारा है
दिल्ली अपना चेहरा देखे धूल हटाकर दर्पण की
दरबारों की तस्वीरें भी हैं बेशर्म समर्पण की

काश्मीर है जहाँ तमंचे हैं केसर की क्यारी में
काश्मीर है जहाँ रुदन है बच्चों की किलकारी में
काश्मीर है जहाँ तिरंगे झण्डे फाड़े जाते हैं
सैंतालिस के बंटवारे के घाव उघाड़े जाते हैं
काश्मीर है जहाँ हौसलों के दिल तोड़े जाते हैं
खुदगर्जी में जेलों से हत्यारे छोड़े जाते हैं

अपहरणों की रोज कहानी होती है
धरती मैया पानी-पानी होती है
झेलम की लहरें भी आँसू लगती हैं
गजलों की बहरें भी आँसू लगती हैं

मैं आँखों के पानी को अंगार बनाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ ||

काश्मीर है जहाँ गर्द में चन्दा-सूरज- तारें हैं
झरनों का पानी रक्तिम है झीलों में अंगारे हैं
काश्मीर है जहाँ फिजाएँ घायल दिखती रहती हैं
जहाँ राशिफल घाटी का संगीने लिखती रहती हैं
काश्मीर है जहाँ विदेशी समीकरण गहराते हैं
गैरों के झण्डे भारत की धरती पर लहरातें हैं

काश्मीर है जहाँ देश के दिल की धड़कन रोती है
संविधान की जहाँ तीन सौ सत्तर अड़चन होती है
काश्मीर है जहाँ दरिंदों की मनमानी चलती है
घर-घर में ए. के. छप्पन की राम कहानी चलती है
काश्मीर है जहाँ हमारा राष्ट्रगान शर्मिंदा है
भारत माँ को गाली देकर भी खलनायक जिन्दा है
काश्मीर है जहाँ देश का शीश झुकाया जाता है
मस्जिद में गद्दारों को खाना भिजवाया जाता है

गूंगा-बहरापन ओढ़े सिंहासन है
लूले - लंगड़े संकल्पों का शासन है
फूलों का आँगन लाशों की मंडी है
अनुशासन का पूरा दौर शिखंडी है

मै इस कोढ़ी कायरता की लाश उठाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ ||

हम दो आँसू नहीं गिरा पाते अनहोनी घटना पर
पल दो पल चर्चा होती है बहुत बड़ी दुर्घटना पर
राजमहल को शर्म नहीं है घायल होती थाती पर
भारत मुर्दाबाद लिखा है श्रीनगर की छाती पर
मन करता है फूल चढ़ा दूं लोकतंत्र की अर्थी पर
भारत के बेटे निर्वासित हैं अपनी ही धरती पर

वे घाटी से खेल रहे हैं गैरों के बलबूते पर
जिनकी नाक टिकी रहती है पाकिस्तानी जूतों पर
काश्मीर को बँटवारे का धंधा बना रहे हैं वो
जुगनू को बैसाखी देकर चन्दा बना रहे हैं वो
फिर भी खून-सने हाथों को न्योता है दरबारों का
जैसे सूरज की किरणों पर कर्जा हो अँधियारों का

कुर्सी भूखी है नोटों के थैलों की
कुलवंती दासी हो गई रखैलों की
घाटी आँगन हो गई ख़ूनी खेलों की
आज जरुरत है सरदार पटेलों की

मैं घाटी के आँसू का संत्रास मिटाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ ||

जब चौराहों पर हत्यारे महिमा-मंडित होते हों
भारत माँ की मर्यादा के मंदिर खंडित होते हों
जब क्रश भारत के नारे हों गुलमर्गा की गलियों में
शिमला-समझौता जलता हो बंदूकों की नालियों में

अब केवल आवश्यकता है हिम्मत की खुद्दारी की
दिल्ली केवल दो दिन की मोहलत दे दे तैय्यारी की
सेना को आदेश थमा दो घाटी ग़ैर नहीं होगी
जहाँ तिरंगा नहीं मिलेगा उनकी खैर नहीं होगी

जिनको भारत की धरती ना भाती हो
भारत के झंडों से बदबू आती हो
जिन लोगों ने माँ का आँचल फाड़ा हो
दूध भरे सीने में चाकू गाड़ा हो

मैं उनको चौराहों पर फाँसी चढ़वाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाने निकला हूँ ||

अमरनाथ को गाली दी है भीख मिले हथियारों ने
चाँद-सितारे टांक लिये हैं खून लिपि दीवारों ने
इसीलियें नाकाम रही हैं कोशिश सभी उजालों की
क्योंकि ये सब कठपुतली हैं रावलपिंडी वालों की
अंतिम एक चुनौती दे दो सीमा पर पड़ोसी को
गीदड़ कायरता ना समझे सिंहो की ख़ामोशी को

हमको अपने खट्टे-मीठे बोल बदलना आता है
हमको अब भी दुनिया का भूगोल बदलना आता है
दुनिया के सरपंच हमारे थानेदार नहीं लगते
भारत की प्रभुसत्ता के वो ठेकेदार नहीं लगते
तीर अगर हम तनी कमानों वाले अपने छोड़ेंगे
जैसे ढाका तोड़ दिया लौहार-कराची तोड़ेंगे

आँख मिलाओ दुनिया के दादाओं से
क्या डरना अमरीका के आकाओं से
अपने भारत के बाजू बलवान करो
पाँच नहीं सौ एटम बम निर्माण करो

मै भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने निकला हूँ |
मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन निकला हूँ

(साभार- डा.हरिओम पंवार )

Monday, January 2, 2012

किसको वोट दिया जाय?


मित्रों मै यूपी का रहने वाला हूँ और फरवरी में हमारे यहाँ विधानशभा के चुनाव होने वाले हैं.मै खुद निर्णय लेने में असमर्थ हूँ की किसको वोट दिया जाय.

-आतंकवादियों को दामाद की तरह पालने वाली कांग्रेस को?

-धर्म निरपेक्ष भारत में मुस्लिम आरक्षण का वकालत करनेवाली, राम सेवकों के लाशों से अयोध्या को पाटने वाली,ढाचा विध्वंस को राष्ट्र संघ में ले जाने की वकालत करने वाली समाजवादी पार्टी को?

-महारानी लक्ष्मीबाई के खिलाफ लड़ने वाले सिंधिया परिवार को अपने पार्टी में रखने वाली भाजपा को?

-आजाद ,तिलक और गोखले जैसे देशभक्तों को
आतंकवादी कहने वाली,भारत के सुनहरे अतीत का तिरष्कार करने वाली, वर्तमान को जातिवाद के बेड़े में जकड़ने वाली,चित्रकूट जैसे हिन्दुओं के पवित्र स्थान का नाम बदलें वाली बहुजन समाजवादी पार्टी को?