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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Saturday, September 7, 2013

यूपी के सपा सरकार का एक शर्मनिरपेक्ष चेहरा और मुजफ्फरनगर में हो रहे दंगे एवं हिन्दू नरसंघार का सच

मुजफ्फर नगर में हो रहे दंगे की पठकथा उसी दिन लिख दी गयी थी जब एक हिन्दू लड़की के साथ हुए छेड़छाड की घटना के बाद विरोध कर रही भीड़ पर प्रशाशन एकतरफा हिन्दुओं पर करवाई करने में जुटा रहा. लड़की के दोनों भाइयों गौरव और सचिन की हत्या कर दी गयी और प्रशाशन फिर भी चुप रहा और हिन्दुओं को पकड़-पकड़ कर जेल में ठुसता रहा.अखिलेश यादव को अपने मुस्लिम वोट बैंक की चिंता थी और वो जानते थे की हिन्दू तो चूति....हैं वो तो जाति के नाम पर हमें वोट देंगे ही,अतः दोषी मुसलमानों पर कोई करवाई नहीं हुई और छेड़छाड़  करने वाले आराम से घूमते रहे.उल्टा अखिलेश सर्कार ने मुज़फ्फर नगर के एसपी सुरेन्द्र सिंह को हटाकर अब्दुल हमीद को बना दिया गया जिससे हिन्दुओं पर एकतरफा करवाई से मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके.इसकी परिणिति कल की घटना के रूप में हुई जब मुसलमानों द्वारा मस्जिदों से घात लगाकर किये गए हमलों में दर्ज़नो हिन्दू मारे गए,सैकणों घायल हुए और कई अब अभी लापता हैं.
मै यहाँ केवल मुसलमानों को दोष नहीं दे सकता और न ही अखिलेश सरकार को.क्योंकि हिन्दू जातिओं मे बटे रहे और अपनी जाति को वोट देते रहे मुसलमान एक जुट होकर उनकी सुनने वालों को वोट देते है. इसी लिये मुलायम, नीतीश, लालू जैसे नेता पैदा होते हैं और फलते फूलते है जिम्मेदारी हिन्दू जनता की है जो सोंच समझ कर वोट नही करती वो दिन दूर नही जब हिन्दुस्तान मे न हिन्दू बचेगा न कोई हिन्दू जाती हिन्दू खुद आत्मघाती है कोई उसकी क्या मदद करेगा?