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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Tuesday, March 23, 2010

एक पत्र आपको


अभी तक मैंने सुना था की ब्लॉग पर लोग अपने विचारो का आदान -प्रदान करते हैं,लेकिन शायद मै पहला व्यक्ति हूँ जो अपने ब्लॉग पर किसी को पत्र लिख रहा हूँ.ये पत्र हमारी फिल्मो,या लैला-मजनू,सीरी-फरहाद या रोमियो -जुलिओट की तरह कोई प्रेमपत्र नहीं है.
यह एक ऐसा पत्र है जो मै उस सख्स को लिख रहा हूँ जो शायद कुछ वर्षों में मेरी जीवन संगिनी बन जाये|
गुडिया जब से मेरे शादी की बात चली तब से मै बहुत दुखी रहने लगा था.मै अपने पूज्य माताजी और पूज्य पिताजी को दुखी नहीं करना चाहता था..इसलिए मैंने अपनी हामी में उनकी ख़ुशी देखी.इसका मतलब ये नहीं है की आप मुझे नापसंद हो या मै आजीवन ब्रह्मचारी रहना चाहता हूँ बल्कि ये था की मुझे डर था की मेरी शादी किसी ऐसी लड़की से हो जाये जो मेरे पथ प्रदर्शक न बनके मेरे हर काम में व्यवधान पैदा करे तो मै तो अपने कर्तव्य पथ से विचलित न हो जाऊं .
मै आपसे जब भी बात करता हूँ तो मुझे एक-एक शब्द सोच समझ कर बोलना पड़ता है.लेकिन उस शाम के बाद मुझे पता नहीं ऐसा क्यूँ महसूस होने लगा की आप से अच्छा मेरे लिए कोई नहीं हो सकता.
पता है पहले लड़किओं से मै ज्यादा बात नहीं करता हूँ .इसका मतलब ये नहीं की मै लड़किओं से घृणा करता हूँ बल्कि एक लड़की को छोड़कर मेरी सोच किसी से नहीं मिलती थी.
सभी की सभी की एक ही सोच थी-इश्क,मुहब्बत और प्यार .लेकिन मै इन चीजों से हटकर रियल दुनिया में जीने वाला था.क्यूंकि मुझे पता है की यह स्वित्ज़रलैंड नहीं आर्यावर्त है.हम करोणों सालों से अपना अस्तित्व बचा के रखे हैं रो इसके पीछे एकमात्र कारन है की हम-"यात्रा नार्यस्तु पूज्यन्ते,रमन्ते तत्र देवता" के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं.
पर ये चीजें अब तो कल्पनाओं तक ही सिमित रह गईं हैं और मुझे अपना अतीत लौटने की पूरी कोशिश करना है.
गुडिया,मै बहुत खुश हूँ की आप मुझे मिले.लेकिन मै चाहूँगा की आप अपने पुरे जीवन यही वाली गुडिया बन के रहना.
पता है ये २०१० है और आपको ऐसी लडकिया या लड़के बहुत मिल जायेंगे जो आप के साथ जीने मरने की कसमे खाते हैं और बाद में....पता नहीं क्यूँ मुझे इन सब चीज़ों पर विश्वास नहीं होता इसलिए मै कभी भी किसी के सामने प्रतिज्ञा नहीं कर सकता की मै आप के लिए चाँद तारे तोड़ कर la सकता हूँ.मै एक साधारण सा इन्सान हूँ जिससे गन्ने का एक लट्ठ नहीं टूट पाया और वो चोरी करते हुए पकड़ा गया तो वो चाँद तारे क्या तोड़ेगा.
एक और बात आपके अन्दर एक खास गुण है जो और बहुत कम लोगों में है.....आप सबकुछ बता देते हो......यह बहुत बड़ी बात है लेकिन मेरी लाइफ में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो मै किसी को नहीं बता सकता..शायद दुबारा से खुद को भी...लेकिन इन चीजों से हमारी जिन्दगी प्रभावित नहीं होती.
शायद मै कुछ ज्यादा लिख रहा हूँ....
मै आपसे आखिरी बार कहना चाहूँगा की आप यही वाली गुडिया बनी रहना.आपका यह रूप बहुत अच्छा है,सो प्ल्ज़.
-your
rt

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