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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Saturday, September 8, 2012

ज़रा सोचिये!कहाँ जा रहे हैं हम?


भारत की धरती पर पहले भी चू ..ये थे, आज भी चू ..ये है, और कल भी चू..ये होंगे ...

मै ये जो लिंक निचे दे रहा हूँ और साथ में जो फोटो है वो पोस्ट एक फेक आईडी वाली सोहिनी मेहता जी ने फेसबुक पर 3 सप्टेम्बर को डाली है, इस पोस्ट में उन्होंने सिर्फ इतना ही पूछा है की मै कैसी दिखती हूँ दोस्तों, हमे ये देखकर बड़ी ख़ुशी हुई की सिर्फ पाँच दिन में इस पोस्ट पर 94394 कमेंट्स किये गये., 78104 लोगों ने इस पोस्ट को like किया और 3312 लोगों ने इसे शेयर किया.

हम लोग देश की समस्याओं, गरीबी, भ्रस्टाचार आदी पर जब पोस्ट बनाकर डालते है तो 100 - 120 लोगोने like किया 8 -10 लोगों ने कमेंट्स किये और 2 -3 लोगों ने शेयर किया तो अपने आप में खुश होते है की इन समस्याओं के प्रति लोगों को चिंता है.

पर सोहिनी मेहता की पोस्ट पर मिले भारी प्रतिसाद को देखकर ऐसा लग रहा है की, हम गलत विषय पर फेसबुक में चर्चा करना चाहते है या वाकई हमारा देश अब बहुत खुशहाल है या जनता को इन विषय के प्रति कोई लेनादेना नही है. हम जैसे लोग मुर्ख है जो लोगों में जागरूकता आये और इन विषय पर स्वस्थ बहस हो ऐसा चाहते है और व्यर्थ अपना मूल्यवान समय बर्बाद कर रहे है.

क्या आप भी मेरे इस मत से सहमत है, बताइये ?

http://www.facebook.com/photo.php?fbid=339927429434891&set=p.339927429434891&type=1&theater