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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Friday, January 25, 2013

राजपथ परेड में भी हिन्दू आतंकवादियों की पैठ!


आजाद भारत के 64 वे गणतंत्र दिवस यानि 64 वे सड़तंत्र दिवस (राजनैतिक दृष्टी से) पर राज पथ पर होने वाली भारतीय सैनिको के शानदार परेड का आनंद ले रहा था तभी टीवी पर शुशील शिंदे या यो कहे कि मासूम शिंदे को सोनिया माईनो के बगल में बैठा देख कर चौक उठा ....माथा तो तब ठनका की जब मासूम शिंदे सोनिया के कान में कुछ कुछ कुरान की आयते फूकते नज़र आ रहे थे क्यों की उसी वक्त वीर सैनिको की टुकड़ी सलामी मंच के पास से गुजर रही थी ....सभी सैनिक रेजिमेंट के आपने आदर्श वाक्य होते है और वो उसको यूध के समय दोहराते भी रहते है .....कोई कह रहा था की ....जय माँ काली आयो गुरखाली ....कोई जय माँ दुर्गे .....कोई जय भवानी जय शिवाजी तो कोई जय बद्रीविशाल की ...हद तो तब हो गई जब भारतीय वायु सेना ...नौ सेना और तट रछक बल के आदर्श वाक्य उस भाषा में सुनाई दिए जिसे कांग्रेस सरकार अपने प्थाक्रम तो क्या भारत देश से भी विदा कर चुकी है पर ये सेना है की मानती ही नहीं ...कोई कह रहा था की ....नभः स्पर्श दीप्तम ...कोई शन नो वरुणः तो कोई वयं रछाम ....शुशील कम पर मासूम शिंदे शायद यही बात कह रहे थे की मैडम जी देखो ये सेना सेक्युलर नहीं है ये सारे सैनिक बीजेपी और आर एस एस के एजेंट है साथ ही साथ सारे हिन्दू है और भगवा आतंकवाद के शिकार है .....अल्लाह हो अकबर तो इनके शब्दकोष में भी नहीं है ....उम्मीद है मासूम शिंदे की बात पर गौर किया जायेगा और अगली बार हमें सैनिको का आदर्श वाक्य कुछ और ही सुनने को मिलेगा ....जैसे दूरदर्शन से सत्यम, शिवम् ,सुन्दरम को मिटा दिया गया ...आप क्या कहते है ????------------------------------------------------------------------------------------------और अंत में 
भारत वर्ष के सभी राजनीतिज्ञ भ्रष्टाचारी नहीं हैं,सारे व्यक्ति बलात्कारी नहीं हैं और सारे अफसर घुसखोर नहीं हैं.सारे नेता बटवारे की मानसिकता वाले नहीं.सारे मंत्री आतंकियों की सम्मानित भाषाओँ (मिस्टर सईद,ओसामा जी,सईद साहब,हाफिज जी).सभी पार्टियों के अध्यक्ष आतंकियों की मौत पर सुबक सुबक कर रोने वाले नहीं हैं.यही सोच कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ..आओ मिलकर गणतंत्र दिवस मनाये,तिरंगे को उचा लहराएँ.
-गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें-

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