स्वागतम ! सोशल नेटवर्किंग का प्रयोग राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए करें.

Free HTML Codes

अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Saturday, October 29, 2011

हजरत निजामुद्दीन की दरगाह एक हिन्दू मंदिर है!


जिसे आज फ़कीर निजामुद्दीन का दरगाह समझा जाता है,यह वास्तव में एक पुराना मंदिर है,जो मुस्लिम आक्रमणों से क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद हज़रात निजामुद्दीन का दरगाह बन गया,क्योंकि उस फ़कीर को उसकी मृत्यु के पश्चात वहां दफना दिया गया था.
इस दरगाह के चारो ओर अगणित मात्रा में अन्य मंडप,प्राचीरें,कब्रें,दुर्ग के दीवार के उभड़े हुए भाग,स्तम्भ,स्तम्भपीठें अभी भी देखि जा सकती हैं.ये वस्तुएं सिद्ध करती हैं की यह किसी समय समृद्ध नगरी थी,जो पदाक्रांत हुई और विजित हुई.ऐसे तहस नहस किये गए क्षेत्रों में मुस्लिम फ़कीर जा बसते थे.बाद में उनको वाही गाड़ दिया जाता था,जहाँ वे रहते थे.इस प्रकार मुस्लिम फकीरों के दफ़नाने के स्थान मूल कब्रिस्तान नहीं हैं,अपितु वे पूर्वकालिक राजपूत भवन हैं जो बाद में मुसलमानों द्वारा बलात हथिया लिए गए.
निजामुद्दीन के मकबरे में पञ्च रत्न के पाच गुम्बद हैं.हिन्दुओं के गावों के पञ्च,पंचामृत,पंचगव्य आदि वाक्प्रचार से पाच का महत्व जाना जा सकता है.ईमारत गेरिवे रंग के पत्थर से बनी है जो हिन्दू ध्वज का रंग है.अन्दर एक विशाल बावड़ी है.उसके टेल में वे हिन्दू मूर्तियाँ पड़ी मिलेंगी जो इस्लामी हमलावरों ने मंदिर से उखाडवाकर उसमे फिकवा दी.पिधिओं से उस ईमारत से सलग्न फ़कीर,मुल्ला,मुजावर आदि तथाकथित मुसलमानों को यह समझ लेना चाहिए की उनके दादे परदादे उसी मंदिर के पुजारी आदि हिन्दू कर्मचारी रहे हैं जिसे आज वो निजामुद्दीन की कब्र समझ रहे हैं.यदि जीवित निजामुद्दीन के लिए कोई महल नहीं था तो मृत निजामुद्दीन के लिए महल कौन बनवाएगा?

4 comments:

  1. आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेर नए पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  2. अखंड हिंदू राष्ट्र का सपना साकार करने के प्रयास में मैं भी आपके साथ हूँ. आपके लेख ज्ञान से भरे हैं, रचनाएँ देश प्रेम से परिपूर्ण और प्रेरक है. धन्यवाद. विवेकानंद के quote ने उर्जावान बना दिया.

    मेरे नए पोस्ट पर एक नज़र डालें, स्वागत है, आप भी अच्छा महसूस करेंगे.
    www.belovedlife-santosh.blogspot.com (हिंदी कवितायेँ)

    ReplyDelete
  3. इसका मतलब मुल्लों ने हर जगह हरामखोरी की है

    ReplyDelete
  4. बहुत दुःख के साथ घृणा होता है मुल्लों के करतूतों को जानकर ..मै आपके साथ मनीष कुमार नीलू
    पधारे मेरे ब्लॉग पे
    www.mknilu.blogspot.com

    ReplyDelete