
"यह कैसा गणतंत्र ?
जहां प्रधानमंत्री को हमने कभी चुना ही नहीं पर वह गुजरे आठ साल से हमारे
ऊपर अमेरिका ने लाद रखा है. जहां राष्ट्रपति बख्शीस में बना दिया गया हो
क्यों कि वह इन्द्रागांधी की रसोईया थीं. जहां भारत रत्न जैसे राष्ट्रीय
पुरुष्कार बैंक घोटालेबाज चटवाल और कश्मीर के आतंकवादीयों को दिए जा रहे
हों. जहां नोट के बदले वोट पा कर मनमोहन सरकार पूरे पांच साल चल चुकी हो तब
उसके विरुद्ध आवाज़ उठानेवाले जेल डाले गए
हों किन्तु सरकार चलानेवाला सरदार अभी भी हमारे ऊपर बैताल सा लदा
प्रधानमंत्री हो.यह जन -गन -मन का तंत्र नहीं है कि जहां जन - गण -मन
लोकनायक की तलाश में अधिनायक (तानाशाह ) की जय करता हुआ खलनायक तक जा
पहुंचा हो. वोट असली गणतंत्र के सृजन का एक कारगर औजार है. आओ असली गणतंत्र
का सृजन करें !!
शुभ कामना !!"
-राहुल पंडित
शुभ व श्रेष्ठ विचार
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