रंग विरंगे पंखो वाली
पिली लाल हरी और काली
परी देश की राजकुमारी
तुम कितनी लगती हो प्यारी
उडती जब तुम असमान में
बच्चे होते ख़ुशी लान में
दौड़-दौड़ कर तेरे पीछे
कहते सभी मधुर सब्दों में
सबकी सुन्दरता है पानी
देखो आ गयी तितली रानी
जब तुम फूलों पर बैठती
कलियाँ मचल-मचल इठलाती
पौधे झूम-झूम कर गाते
हवा प्रेम संगीत सुनाती
कहती तितली रानी आओ
हम सब नाचे झूमे गाएं
दुनिया के इन सब लोगों को
प्रकृति का सन्देश सुनाएँ
छोड़ आपसी मार-काट को
प्रकृति में तुम घुल मिल जाओ
सबको प्रेम की राह दिखाकर
जीवन का असली सुख पाओ
-राहुल पंडित
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