Friday, June 11, 2010
मै हिन्दू क्यूँ हूँ?
मै हिन्दू इसलिए नहीं हूँ की मैंने एक हिन्दू परिवार में जन्म लिया है.जैसा की हमारा राष्ट्र भारत एक लोकतान्त्रिक देश है.यहाँ सभी को अपना धर्म मानने का अधिकार है.कोई भी भी अपना धर्म परिवर्तन कर सकता है.इसके वावजूद मै एक हिन्दू हूँ या हिन्दू धर्म के प्रति मेरा बहुत लगाव है इसका कारण मै आप लोगों के सामने बताना चाहूँगा-
१.हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है.
२.हिन्दू धर्म एक मात्र धर्म है जिसने वसुधैव कुटुम्बकम का नारा दिया और बताया की सरे लोग एक हैं चाहे वे ईश्वर की पूजा जिस भी रूप में कर रहे हों.
३.हिन्दू धर्म दुनिया का एक मात्र धर्म है जिसमे धर्मावलम्बी बनाने का प्रावधान नहीं है.सनातन धर्म का मानना है की दुनिया में केवल २ तरह के लोग रहते है आस्तिक और नास्तिक.जो ईश्वर की सत्ता पर विश्वास करते हैं,चाहे वो उनकी जिस रूप में भी पूजा करते हों,वो हिन्दू हैं.
४.हिन्दू धर्म कभी भी नहीं सिखाता की "हमारे कौम को मानने वालों के आलावा सभी काफ़िर हैं.अगर वो हमारा कौम नहीं कुबूल करते तो उनका गला काट लो."
५.वेद दुनिया की सबसे पुराणी पुस्तके हैं जो हिन्दू धर्म से सम्बंधित हैं,इससे पता चलता है की जब लोग जंगलों में रहते थे तब भी हमारे यहाँ वेदों के मंत्र गुजां करते थे.
६.हिन्दू धर्म एक मात्र धर्म है जो हर चीज़ में ईश्वर की उपस्थिति मानता है इसलिए हम हर कंकड़ को शंकर,नदिओं को माता और पहाड़ों को पिता के समान पूजते हैं.
७.हिन्दू धर्म कभी नहीं सिखाता की दूसरों के धर्मस्थान तोड़कर अपना धर्मस्थान बनाने पर जन्नत नसीब होती है.
८.हिन्दू धर्म कभी नहीं सिखाता की अपने धर्म को छोड़कर दूसरे धर्मवालों से कर लेना हमारा अधिकार है.
९.सारी दुनिया का शाशन चाहे वो लोकतान्त्रिक हो,राज शाही हो या बामपंथी हो.वो हिन्दू धर्म के हिसाब से ही चलता है.जैसे जल के देवता-वरुण,धन के देवता-कुबेर,न्याय के देवता-धर्मराज उसी तरह हमारे यहाँ अलग-अलग मंत्रालय होते हैं.
इसलिए गर्व से कहो-"हम हिन्दू हैं."
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हम तब तक गर्व से नहीं कह सकते कि हम हिन्दू है जब तक कि हमारे बीच जयचंद के वंशज, उसकी नाजायज औलादे मौजूद है, जो हिन्दू धर्म की आड़ ( अपने को सेक्युलर बतलाकर ) वे घृणित खेल खेलते है जिसका एक नमूना हम भोपाल त्रासदी के उपरान्त इन हरामखोर नमकहरामो की काली करतूतों के रूप में देख रहे है!
ReplyDeletebahut khoob. hausale buland ho manjil asan hoti hai.Jai ho Kashi aur Kabe wale baba ki . mauka mile to hame bhi padhiyega
ReplyDeletewww.tarkeshwargiri.blogspot.com
www.http://pollutioncontrolsociety.blogspot.com
सादर वन्दे |
ReplyDeleteअक्षरश सत्य कहा आपने |
विश्व का कोई भी धर्म हिन्दू धर्म जैसा हो ही नहीं सकता क्योंकि हम तो इस धरा के हर कण में भगवान को देखते है,
हमारा धर्म हमें पशुता नहीं सिखाता, अधर्म पर कोई लेप नहीं लगता .....
मुझे गर्व है की मै हिन्दू हूँ !
रत्नेश त्रिपाठी
क्या 'हिन्दू शब्द भारत के लिए समस्या नहीं बन गया है?
ReplyDeleteआज हम 'हिन्दू शब्द की कितनी ही उदात्त व्याख्या क्यों न कर लें, लेकिन व्यवहार में यह एक संकीर्ण धार्मिक समुदाय का प्रतीक बन गया है। राजनीति में हिन्दू राष्ट्रवाद पूरी तरह पराजित हो चुका है। सामाजिक स्तर पर भी यह भारत के अनेक धार्मिक समुदायों में से केवल एक रह गया है। कहने को इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय माना जाताहै, लेकिन वास्तव में कहीं इसकी ठोस पहचान नहीं रह गयी है। सर्वोच्च न्यायालय तक की राय में हिन्दू, हिन्दुत्व या हिन्दू धर्म की कोई परिभाषा नहीं हो सकती, लेकिन हमारे संविधान में यह एक रिलीजन के रूप में दर्ज है। रिलीजन के रूप में परिभाषित होने के कारण भारत जैसा परम्परा से ही सेकुलर राष्ट्र उसके साथ अपनी पहचान नहीं जोडऩा चाहता। सवाल है तो फिर हम विदेशियों द्वारा दिये गये इस शब्द को क्यों अपने गले में लटकाए हुए हैं ? हम क्यों नहीं इसे तोड़कर फेंक देते और भारत व भारती की अपनी पुरानी पहचान वापस ले आते।
हिन्दू धर्म को सामान्यतया दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा जाता है। यह भी कहा जाता है कि दुनिया में ईसाई व इस्लाम के बाद हिन्दू धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे अधिक है। लेकिन क्या वास्तव में हिन्दू धर्म नाम का कोई धर्म है? दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर रहे डॉ. डी.एन. डबरा का कहना है कि 'हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे नया धर्म है......more....
http://navyadrishti.blogspot.com/2009/12/blog-post_31.html
जब तक जयचंद की नजायज औलादें इस देश में धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर षडयन्त्र पर षडयन्त्र किए जा रही हैं तब तक मुसलिल है कि हम गर्व से रह सकें ।इन जयचन्द के बंसजों का विनाश परम आबस्यक है गर्व से रहने के लिए।
ReplyDeleteराहुल जी आपने लिखा
ReplyDelete"हिन्दू धर्म एक मात्र धर्म है जिसने वसुधैव कुटुम्बकम का नारा दिया"
यानी देश राज्ये की सीमा को नही माना और पूरे संसार को एक परिवार के रूप मे माना गया,
तो फिर मुस्लिम से बार बार, हर बार, लगातार ये सवाल ये सवाल ये सवाल ये सवाल.....???????
मुस्लिम से क्यो पूछा जाता है की देश बड़ा या धर्म ?
ये सवाल पूछने वाले हिंदू तो नही हो सकते (आपके लेख के आधार पर)
अगर वो अपने आपको सच्चा हिंदू कहते है तो पहेले ये सवाल उनसे ही पूछा जाना चाहिए !
या फिर कुछ पाखंडी ये सवाल मुस्लिम से पुछ कर अपने आपको सच्चा हिंदू या सच्चा हिंदू हितेशी साबित करना चाहते है ???????????????
Bahut achcha , lage raho bhai, bhagwan ne bhi kaha hai ki adharmiyo ka nash karo , aur ye islam ko manne wale sab adharmi hai isliye inko to marne me hi bhalai hai, lagi raho dost rahul pandit
ReplyDeleteram-
aap ke hindusth falowars ke comment se hi pata chalaraha hai ki hindu biradri kitni sabby hai
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