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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Monday, October 18, 2010

........और वो कहते हैं की हम आतंकवादी हैं


हमने तो अपना पूरा जीवन ही अपने देश को समर्पित कर दिया है....और जब हम पूछते हैं की हमारे देश की यह दुर्दशा क्यों कर रहे हो तुम....
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की हिन्दुस्तान तो हमारा भी देश है...हम भी यहाँ रहते हैं तो हज के ऊपर छूट और अमरनाथ और वैष्णव देवी की यात्रा पर हमसे (जजिया)कर क्यों लेते हो?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से हिंदुस्तान के विरुद्ध बगावत करने वाले आतंकवादिओं को मरने पर उनको ५ लाख रूपए देते हो तो अमरनाथ आन्दोलन में मरने वालों को भी कुछ क्यूँ नहीं देते?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की हमारे प्रधानमंत्री क्यूँ कहते हैं की देश की सुविधाओं पर पहला अधिकार मुसलमानों का है...क्या हम हिन्दू यहाँ पर नहीं रहते हैं?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की जब वरुण गाँधी कहते हैं- "जो हाथ हिन्दुओं के विरुद्ध उठेगा,उसे वरुण काट डालेगा." तब तुम क्यूँ चिल्लाते हो...क्या तुम हिन्दुओं के विरुद्ध हाथ उठाने की साजिश रच रहे हो?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की अफज़ल गुरु को सुप्रीम कोर्ट से फंसी की सजा मिलने के बाद भी दो साल से दामाद की तरह क्यूँ पालते हो और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बिना अपराध सिद्ध हुए तीन साल से जेल में क्यूँ रखे हो?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की आर.एस.एस. की तुलना सिमी से करते हो...क्या सिमी भी बाढ़ राहत,भूकंप राहत और आपातकाल में देश की सेवा में जी जान से लग जाती है?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की एक तरफ नक्सालिओं के विरुद्ध सेना और अर्धसैनिक बल लगाये हो तो दूसरी तरफ तुम्हारा इटेलियन युवराज नक्साली नेताओं के साथ उड़ीसा में सभाओं को संबोधित करता है ...क्या यह नक्सल के खिलाफ जंग का तरीका है....
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की आतंकवाद का रंग भगवा बताते हो तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हल साल ब्लास्टों में सैकणों लोग मरे जा रहे हैं...उस आतंकवाद का भ रंग तो बताओ?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.


जब हम पूछते हैं की अयोध्या पर फैसला आने से पूर्व तो कार्ट और लोकतंत्र की दुहाई दे रहे थे और कह रहे थे की सब को फैसले का सम्मान करना चाहिए तो फिर अब क्यूँ ज्कः रहे हो की फैसला मुसलमानों के विरुद्ध आया है.
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.

जब हम पूछते हैं की "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं." कहने पर हमें आतंकवादी कहते हो.तो अहमद बुखारी जो सीधे कहता है की कौम से बड़ा कुछ भी नहीं(देश भी नहीं) उसे क्या कहोगे?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.

जब हम पूछेत है की क्या बंदेमातरम का विरोध करने वाले देशभक्त हैं?
और तब वो कहते हैं की चुप हो जा
तुम आतंकवादी हो.

4 comments:

  1. मै रोया हूँ हिन्दुओ पर होते अत्याचार को देखकर

    जय हिंद जय भारत

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  2. अब हिन्दू चुप नही रहेगा .
    न अन्याय सहेगा .
    काट दुष्ट का मस्तक
    माँ चंडी का श्रंगार करेगा

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  3. .

    राहुल जी,

    यही तो दुर्भाग्य है हमारा। हम अपने ही देश में पराये से हो गए हैं। जो आवाज़ उठाएगा , वो आतंकवादी कहलायेगा । सबको चूड़ियाँ पहनकर , देश को लुटते हुए देखना है अब।

    .

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