Friday, December 24, 2010
पाकिस्तान में हिन्दू -सिक्खों की दुर्गति और हम.....
पाकिस्तान में हिंदुओं के धार्मिक नेता लखीचंद गर्जी का अपहरण कर लिया गया है। वे बलूचिस्तान प्रांत के कलात जिले में स्थित काली माता मंदिर से जुड़े हुए हैं। उनके अपहरण की घटना के खिलाफ हिंदू समुदाय के लोगों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किए। इस बीच तालिबान द्वारा दो सिखों के अपहरण और उनका सिर धड़ से अलगर करने के बाद एक हिंदू युवक के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहरण करने वालों ने फिरौती की रकम के तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग की गई है।
धर्म गुरु के अपहरण के बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन
85 वर्षीय लखीचंद एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए कलात से खुजदार इलाके की ओर जा रहे थे। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। अज्ञात सशस्त्र लोगों ने उन्हें रास्ते में रोका और लखीचंद व अन्य लोगों को अगवा कर लिया। हालांकि अपहर्ताओं ने फिरौती की रकम मिलने पर उनमें से एक को छोड़ भी दिया।
घटना के विरोध में कलात और अन्य स्थानों पर सैकड़ों हिंदुओं ने प्रदर्शन कर सड़कें जाम कर दीं जिसकी वजह से यातायात बाधित हुआ। प्रदर्शनकारी लखीचंद को तुरंत छुड़ाने की मांग कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान के खुजदार, क्वेटा, कलात और नौशकी में अपहरण के विरोध में प्रदर्शन किए और सरकार से लखीचंद की सुरक्षित रिहाई तुरंत करवाई जाए और हिंदू समुदाय को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। खुजदार में विरोध कर रहे हिंदुओं को संबोधित करते हुए नंद लाल, राजकुमार और चंदर कुमार ने कहा कि सरकार आम लोगों खासकर अल्पसंख्यकों की ज़िंदगी और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। क्वेटा की हिंदू पंचायत ने आर्य समाज मंदिर से एक रैली निकाली। यह रैली जिन्ना रोड, मस्जिद रोड, शाहरा-ए-इकबाल और मन्नान चौक होते हुई गुजरी।
हिंदू युवक का अपहरण, एक करोड़ की फिरौती मांगी
तालिबान द्वारा दो सिखों के अपहरण और उनका सिर धड़ से अलगर करने के बाद एक हिंदू युवक के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहरण करने वालों ने फिरौती की रकम के तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग की गई है।
रॉबिन सिंह नाम के कंप्यूटर इंजीनियर का पाकिस्तान के पेशावर शहर में यूनिवर्सिटी रोड बाज़ार से अपहरण हुआ। एक स्थानीय नेता के मुताबिक रॉबिन किसी काम से नौशेरा जा रहा था जब उसे अगवा किया गया। पेशावर जिला असेंबली के सदस्य साहिब सिंह के मुताबिक अपहरण करने वालों ने रॉबिन के परिवार से एक करोड़ रुपये मांगे हैं। साहिब सिंह के मुताबिक रॉबिन के भाई राजन सिंह ने पश्चिमी कैंट थाने में इसी सिलसिले में मामला दर्ज कराया है। हालांकि, पश्चिम कैंट थाने की पुलिस ने ऐसी किसी एफआईआर की जानकारी से इनकार किया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि हो सकता है कि रॉबिन सिंह का अपहरण उनके थाने की सीमा में न हुआ हो।
सिख भी निशाने पर
पाकिस्तान के कबिलाई इलाके में अगवा किए गए दो सिखों-महल सिंह और जसपाल सिंह की सिर कटी लाश मिलने से पाकिस्तन के अल्पसंख्यक समुदाय में सनसनी फैल गी है। इसके अलावा दो से चार सिख अब भी तालिबान के कब्जे में हैं। पाकिस्तान की अल्पसंख्यक सिख समुदाय ने सिखों के अपहरण और उनकी हत्या की तीखी आलोचना की है।
पहले से हो रहा है हिंदुओं पर अत्याचार
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब दो फीसदी है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के साथ बहुसंख्यक अच्छा बर्ताव नहीं करते हैं। कई हिंदू परिवारों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ने और मंदिर को तोड़े जाने के फरमान जारी होते रहते हैं। पेशावर जैसे कई शहरों में ऐसे फरमान जारी हो चुके हैं। हिंदु लड़कियों का अपहरण करके उनके साथ जबर्दस्ती शादी करने और धर्म परिवर्तन की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यही वजह है कि १९४८ में पाकिस्तान में जहां हिंदुओं की आबादी करीब १८ फीसदी थी, वही अब घटकर करीब दो फीसदी हो गई है।
पाकिस्तान में तालिबानी कट्टरपंथियों का कहर पिछले कुछ सालों से हिंदू परिवारों पर भी टूट रहा है। हिंदू परिवार ही लड़कियों का अपहरण और उनका जबरन धर्म परिवर्तन अब आम बात हो गई है। सरकारी तंत्र ने भी कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।
होते रहे हैं अपहरण
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जैकोबाबाद में रहने वाले एक हिंदू परिवार की लड़की रवीना (16) का तालिबानी आतंकियों ने २००९ में अपहरण कर लिया था। 16 लाख रुपये की फिरौती लेने के बाद आतंकियों ने रवीना को मुक्त किया था। वहीं, कराची में लॉयर टाउन के चक्कीवाड़ा की रहने वाली एक नाबालिग लड़की का दो मुस्लिम युवकों-इकबाल और अरशद ने अपहरण कर लिया। इस पर परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने छापा मारकर किशोरी को बरामद कर लिया, लेकिन उसे हवालात में डाल दिया गया। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बावजूद कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए मामला खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना था कि किशोरी ने इस्लाम स्वीकार कर अरशद से निकाह कर लिया है।
हजारों हिंदू खटखटा रहे हैं भारत का दरवाजा
एक आकलन के मुताबिक पिछले छह वर्षो में पाकिस्तान के करीब पांच हजार परिवार भारत पहुंच चुके हैं। इनमें से अधिकतर सिंध प्रांत के चावल निर्यातक हैं, जो अपना लाखों का कारोबार छोड़कर भारत पहुंचे हैं, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रह सकें।
2006 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। हफ्ते में एक बार चलनी वाली यह ट्रेन कराची से चलती है भारत में बाड़मेर के मुनाबाओ बॉर्डर से दाखिल होकर जोधपुर तक जाती है। पहले साल में 392 हिंदू इस ट्रेन के जरिए भारत आए। 2007 में यह आंकड़ा बढ़कर 880 हो गया। पिछले साल कुल 1240 पाकिस्तानी हिंदू भारत जबकि इस साल अगस्त तक एक हजार लोग भारत आए और वापस नहीं गए हैं। वह इस उम्मीद में यहां रह रहे हैं कि शायद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए, इसलिए वह लगातार अपने वीजा की मियाद बढ़ा रहे हैं।
(साभार दैनिक भास्कर )
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आखिर हिन्दू कब जागेगा ???????????????
ReplyDeleteहिन्दू को फुर्सत नहीं इन छोटी-मोटी बातों पर ध्यान देने की..
ReplyDeleteमुर्दा कोमें जगती नहीं......... दफन हो जाती है....... पहले हम लोग वाहन से छोड़ के आ गए....... जो रह गए........ तो वहाँ मुस्लिम विचारधारा की पराकाष्ट भुगत रहे है...... हम लोग पलायनवादी है........
ReplyDeleteकोई साथ नहीं..... न उस समय था....... न अब वहाँ कोई है.
वहां वो हमारे भाइयों की दुर्गति कर रहे हैं और हम यहाँ उनको आरक्षण दे रहे हैं..जैसे के साथ तैसा होना चाहिए
ReplyDeleteजब यहाँ के मुसलमान कौम के नाम पर लखनऊ se पाकिस्तान के शुभ चिन्तक बने हुए हैं तो हम क्यूँ नहीं बन सकते.हिन्दुओं में भी एकता की जरुरत है.
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