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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Saturday, June 15, 2013

मेरी डायरी से

कुछ दिन पहले मेरे आफिस में मेरे मित्र संजय जी, अशोक जी, नदीम भाई और अफरोज भाई बैठे थे । बात चल रही थी राजनीति की । नदीम भाई ने मुझसे सवाल किया कि इस देश की जनता के बारे में आप की क्या राय है ??मैंने दो पल सोंचने के बाद मुस्कुराते हुए कहा "इस देश की जनता इस देश के मुसलमान की तरह बेवकूफ है" । मेरा ये कहना था की नदीम भाई और अफरोज भाई मुझपर बिदक गएऔर आपत्ति करने लगे क्यूंकि मैंने एक तीर से दो शिकार कर दिए थे । जनता के साथ-साथ मुसलमानों को भी बेवकूफ कह दिया था । पर मैंने अपने शब्द वापस नहीं लिए औरदृढ़तापूर्वक अपनी बात पर डटा रहा । आखिर अफरोज भाई ने मुझसे पूछ ही लिया कि मैंने आखिर ऐसा क्यूँ कहा ।मैंने अफरोज भाई से पूछा कि : बाबर और औरंगजेब के बारे में आप की क्या राय है ?अफरोज: वो असली मर्द थे, उन्होंने इस्लाम को भारत में फैलाया । औरंगजेब निहायत ही ईमानदार शख्स था । और उन्होंने भारत में कई मस्जिद बनवाई ।मैं: पर बाबर और औरंगजेब ने मन्दिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनवाई थी ।अफरोज: सिर्फ अल्लाह होता है और उसके सिवा कुछ नहीं होता । मूर्ती पूजा काफिर करते हैं । काफिरों को सही रास्ते पर लाने के लिए मस्जिदें बनवाई गई ।बाबर और औरंगजेब काबिल-ए -तारीफ थे ।मैं: पर उन्होंने ने गरीब जनता पर बहुत ज़ुल्म किये । कई हिन्दुओं को जबरन इस्लाम क़ुबूल करवाया । जिन्होंने ने विरोध किया, उनको क़त्ल कर दिया गया और उनकी माँ-बहन-बेटियों के साथ बलात्कार किये गए ।अफरोज: (गर्व के साथ) ये इस्लाम की शक्ति है । इस्लाम से ज्यादा ताकतवर खुछ भी नहीं । महान औरंगजेब ने हिन्दुओं को उनकी औकात बता दी थी ।मैं: पर ये तो अत्याचार था ।अफरोज: (घमंड और थोड़े गुस्से से) वो सब काफिर थे , वो इसी लायक थे ।मैं: नहीं भाई ... वो काफिर नहीं थे । वो सब जो मार दिए गए थे , वो आप के ही दादा-परदादा थे और जिनके साथ बलात्कार हुआ, वो आपकी दादी-परदादी थी । उन्ही से जो संताने पैदा हुई, वो आज के मुसलमान हैं । मुझे ताजुब्ब हैकी आपको अपने घर की माँ-बहनों के साथ बलात्कार करने वाले असली मर्द नज़र आते हैं । कैसे इंसान हैं आप ??अफरोज: आप मनगढ़ंत और फ़ालतू की बात कर रहे हो ।मैं: अच्छा, अगर ऐसा नहीं है तो तो क्या आप असली तुर्क है ? क्या आप ये कहना चाहते हैं की आप के परदादा तुर्क थे और वो घोड़े पर बैठ कर बाबर के साथ भारत आये थे ?अफरोज: अमां, ऐसा नहीं है ।मैं: अरे भाई, तो क्या आप आसमान से आये हो । कम से कम आप ही बताओ कि आप के खानदान की उत्पत्ति कैसे हुई ??अफरोज : (आश्चर्यचकित एवं खामोश)!!!मैं: जिस प्रकार आपको आपकी माँ-बहन के साथ बलात्कार करने वाला अलसी मर्द नज़र आता है, और आप उसको protect कर रहे हैं, उसी प्रकार इस देश की जनता को वो नेता पसंद आता है जो उसका शोषण और बलात्कार करता है । जनता का हित करने वाला नेता तो जनता को चूतिया नज़र आता है । दरअसल,मूर्ख जनता अपना भला करने वाले नेता के बारे में ये सोंचती है की "ज़रूर इनका कोई फायदा होगा" । इसीलिए मैंने कहा की इस देश की जनता इस देश के मुसलमान की तरह बेवकूफ है ।अफरोज : (आश्चर्यचकित और दो पल मौन रहने के बाद) चलें भाई, आज बहुत काम है.(कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी आज के बाबर औरऔरंगजेब हैं । क्या अब समझ में आया की अल्पसंख्यक इनको क्यूं पसंद करते हैं ?)

1 comment:

  1. हिन्दुस्तान के मुसलमानों के लिए कडुवा सच यही है! बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...

    कुँवर जी,

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