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अगरहो प्यार के मौसम तो हमभी प्यार लिखेगें,खनकतीरेशमी पाजेबकी झंकारलिखेंगे

मगर जब खून से खेले मजहबीताकतें तब हम,पिलाकर लेखनीको खून हम अंगारलिखेगें

Sunday, September 26, 2010

श्रीराम काज को करने को


तन-मन-जीवन तुम्हे समर्पित,
राम कृपा के सागर हो!
तुमने दिया हमें है सबकुछ,
राम कृपा के सागर हो!
तोड़ेंगे सारी सीमा को,
जिससे प्रभु का काज बने,
मुक्त करेंगे जन्मभूमि को
जिससे मंदिर भव्य बने
राम काज को हिन्दू का
हर बच्चा-बच्चा आएगा
कर विध्वंश राक्षसों का
भगवा झंडा फहराएगा
हो सावधान बाबर-गजनी
औरंगजेब की औलादों
फिर रामभक्त आने को हैं
नव विजय कथा को लिखने को
कर विनाश राक्षस कुल का
श्रीराम काज को करने को.
-राहुल पंडित

1 comment:

  1. नित ध्यान करो प्रभु जी का, पल में है समय का चक्र बदलते देखा; खुद का मान भले घट जाये, पर भक्त का मान न घटते देखा.

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